Monday, October 3, 2022

हमसफर मेरा कोई मुझ सा हो

हमसफर मेरा कोई मुझ सा हो, हाथ पकड़ दूर तलक साथ निभाए वो ।
मैं रूठ जाऊं कभी कोने में, मेरे पास आकर मुझे प्यार से मनाए वो
कि थक जाऊं जब जिंदगी से,
अपने होने का प्यारा एहसास दिलाए वो ।
मुझसे मेरा अस्तित्व न छीनकर, हर कदम पर मुझे संग बेहतर बनाए वो ।
कि यूं तो समझदार हूं मैं थोड़ी, उसके जज़्बात न समझैं तो समझाए वो ।

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