मैं होकर खामोश...
बस उन्हें सुनता रहती हूँ।
वो करता हैं नादानियां
अक्सर बचकानी सी,
और अक्सर मैं उनकी मासूमियत पर
मुस्कुरा दिया करती हूँ।
वो खोया सा रहता हैं,
दुनियाभर के सावल जवाबों में..
और मैं अक्सर उनकी बातों में,
अपनी उलझनो का..
पता है Recently i realised की मुझे दिल में बसाना आसान नहीं है बात-बात पे चिढ़ जाती हूं मैं दिल लगा लूं एक बार तो फिर ज़िद पे अड़...