ये जो जिंदगी की किताब हैं
ये किताब भी क्या किताब हैं
कहीं एक हसीन ख़्वाब हैं
कहीं जान लेवा अजब हैं...
कभी खो लिया,
कभी पा लिया
कभी रो लिया,
कभी गा लिया....
कहीं हैं बारिशें
कहीं सुखा बेहिसाब हैं....
कहीं छांव हैं,
कहीं धूप हैं
कही और ही कोई रूप हैं...
कहीं छीन लेती हैं हर खुशी
कहीं मेहरबान बे हिसाब हैं....
ये जो जिंदगी की किताब हैं