एक दिन मैं अपनी सारी कहानियों को धूल चटा दूंगी,
मेरी सारी तस्वीरें दूर-दूर तक खो गई .....
अगर वे कहते हैं कि अब मेरे पास अब बस एक वादा है तो मुझे निभाना होगा ,
अगर हर कल एक दिन काला हो जाए तो मैं खुद को तब तक रंग लूंगी जब तक कि मैं अंधि नहीं हो जाती हूं,
इसलिए जब मैं धूल में बदल जाऊं तो शायद मैं झिलमिला सकूं......