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Sunday, August 28, 2022

एक दिन मैं अपनी सारी कहानियों को धूल चटा दूंगी,

एक दिन मैं अपनी सारी कहानियों को धूल चटा दूंगी, 
मेरी सारी तस्वीरें दूर-दूर तक खो गई .....
अगर वे कहते हैं कि अब मेरे पास अब बस एक वादा है तो मुझे निभाना होगा ,
अगर हर कल एक दिन काला हो जाए तो मैं खुद को तब तक रंग लूंगी जब तक कि मैं अंधि नहीं हो जाती हूं, 
इसलिए जब मैं धूल में बदल जाऊं तो शायद मैं झिलमिला सकूं......


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पता है Recently i realised की मुझे दिल में बसाना आसान नहीं है बात-बात पे चिढ़ जाती हूं मैं दिल लगा लूं एक बार तो फिर ज़िद पे अड़...