जब नींद दूर हो, आता है एक विचार,
ज़िदंगी का।
कहाँ जा रहे है?
क्यों जा रहे है? कुछ पाएंगे?
कुछ कर पाएंगे?
बस दिल और दिमाग के इन सवालों की कश्मकश में,
नींद कब आ जाती है, पता ही नहीं चलता।
और सुबह... फिर वहीं........
पता है Recently i realised की मुझे दिल में बसाना आसान नहीं है बात-बात पे चिढ़ जाती हूं मैं दिल लगा लूं एक बार तो फिर ज़िद पे अड़...