Monday, December 19, 2022

आसरा

इस गहरी नींद से जगा मुझे 
चाँद सूरज का पता दे मुझे
मैं थक गयी हूँ चलते चलते
 दिखा दे घर का रास्ता मुझे
चार दीवारें भी चुप हो गयीं
 कोई ताज़ा ग़ज़ल सुना मुझे
मर गए ख़्वाब पुराने सारे 
मिले अब जीने की दुआ मुझे
मय-कदा छोड़ के जाऊँ कहाँ
 दे मोहब्बत का नशा मुझे
लड़खड़ा के ना मिलेगी मंजिल
 तू ही अब दे आसरा मुझे

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