Thursday, October 27, 2022

तू हँसे तो दिया जले तेरे चेहरे से

तू हँसे तो दिया जले तेरे चेहरे से पर्दा हटे तो दिया जले

यूँ तो अब तक चला हूँ वैसे तन्हा मैं तू मेरा हाथ थाम कर चले तो दिया जले

हम बंज़ारों को घर क्या, मंज़िल क्या पर रहूँ तेरे साये तले तो दिया जले

ये तो इल्म है तुम्हें तुम जान हो मेरी तू कभी जान मुझे भी कहे तो दिया जले

दिन गुज़र जाएँगे मेरे काम में अक्सर

पर शाम साथ तेरे ढले तो दिया जले

यूँ तो आ गयी दीवाली पर तुम आये नहीं तू अब मुझ से आकर मिले तो दिया जले. ..... 

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