Friday, September 9, 2022

जो चांद थे हमारे लिए वो हमें

जो चांद थे हमारे लिए वो हमें सितारों में गिनते थे
जो ख़ास थे हमारे लिए वो हमें हजारों में गिनते थे
अब क्या शिकायत करते उनकी बेरुखी के लिए
जो ख़्वाब थे हमारे लिए वो हमें बेचारों में गिनते थे.....

No comments:

Post a Comment

मुझे दिल में बसाना आसान नहीं....

पता है Recently i realised की मुझे दिल में बसाना आसान नहीं है बात-बात पे चिढ़ जाती हूं मैं दिल लगा लूं एक बार तो फिर ज़िद पे अड़...