Expressing Words
Thursday, September 15, 2022
रुकना चाहते थे फिर भी चलते रहे हम
रुकना चाहते थे फिर भी चलते रहे हम
छांव की तलाश में धूप में जलते रहे हम
सुबह की उम्मीद में शाम की तरह ढलते रहे हम
टूट ना जाए कोई
मेरा हाल देखकर
इसलिए अपनों को के लिए हर पल संभलते रहे
हम...
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